लातेहार के चंदवा में आदिवासी प्रतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा। इस बार सरना भूमि का कागजात बनाकर उसे कब्जा करने का प्रयास किया गया। जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया। मामला प्रखंड के सुदूरवर्ती चकला पंचायत के नगर गांव का है। इसे लेकर सरना स्थल परिसर में ही ग्रामसभा का आयोजन किया गया। ग्रामसभा की अध्यक्षता कर रहे ग्राम प्रधान भुनेश्वर गंझू समेत अन्य वक्ताओं ने कहा खाता 160 खेसरा 855 रकवा जमीन पीढ़ियों से प्राप्त है। यह सरना स्थल है जिसमें नगर के गांववासी पीढ़ी दर पीढ़ी पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। अंचल कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से उक्त जमीन का खाता बंधन उरांव, सानिया उरांव और नंदलाल उरांव के नाम कर दिया गया है। यह किस आधार पर और कब किया गया। यह जांच का विषय है। सरना भूमि को हड़पने का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान ढोल-मांदर व नगाड़ों की आवाज के बीच सामाजिक व पारंपरिक रीति रिवाज के साथ पूजा-अर्चना के बाद और स्थानीय लोगों की उपस्थिति में सरना झंडा से सरना की भूमि का सीमांकन किया गया। सरना धर्मावलंबियों ने कहा है कि सरना की जमीन सरना की ही रहेगी। फर्जी कागजात बना लेने से किसी का नहीं हो जाएगा। यदि सरना की जमीन से खिलवाड़ करने का प्रयास किया गया तो सरना स्थल के आसपास की भूमि को भी अवैध कब्जा करनेवालों का नहीं होने दिया जाएगा। मौके पर पंचायत मुखिया पूनम रंजीता एक्का, सोमर भगत, रामेश्वर भगत, जयनंदन उरांव, विकास भगत, मंगरलाल उरांव, विक्की सागर भगत, राहुल भगत, विवेक भगत, महेश्वर भगत, किरण उरांव, राजकुमार उरांव, रामा गंझू, विकास कुमार, शीतल देव भगत, बुधन भगत, चैता गंजू, कैलाश साहू, नरेश उराव, शिवनाथ लोहरा, दशरथ उरांव, सुरेश उराव, मोहन उरांव, संतोष उरांव, ईश्वर लोहरा, प्रभु यादव, संजय तुरी, विनोद यादव, राजेंद्र उरांव मनोज गंझू, जगमोहन उरांव, रतन गंझू, नरेश लोहरा, रुपेश गणेश तुुरी समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद थे।
(खबर स्रोत : दैनिक जागरण)